सांप और परी की कहानी

सांप और परी की कहानी

सांप ओर परी की कहानी
सांप और परी की कहानी


एक समय की बात है, एक सुंदर परी थी जो एक खूबसूरत बगीचे में रहती थी। वह परी बहुत ही दयालु और सहानुभूतिपूर्ण थी। उसके बगीचे में कई तरह के फूल, पेड़ और जानवर रहते थे। परी उन सभी का ख्याल रखती थी और उनकी जरूरतों को पूरा करती थी।

एक दिन, एक सांप उस बगीचे में आया और परी के पास जाकर बोला, "मैं बहुत भूखा हूं, मुझे खाने के लिए कुछ दो।" परी ने सांप को देखा और उसकी बात सुनी। उसने सोचा कि सांप को खाने के लिए कुछ देना चाहिए। इसलिए, उसने अपने बगीचे से एक सुंदर और मीठा फल तोड़कर सांप को दिया।

सांप ने उस फल को खाया और परी को धन्यवाद दिया। परी ने सांप से कहा, "तुम्हें कभी भी भूखा नहीं रहने दूंगी, तुम मेरे बगीचे में कभी भी आ सकते हो।" सांप ने परी की बात सुनी और उसका धन्यवाद किया। वह सांप परी के बगीचे में अक्सर आता जाता था और परी उसे खाने के लिए फल देती थी।

एक दिन, एक बड़ा खतरा परी के बगीचे में आया। एक बड़ा और खतरनाक जानवर उस बगीचे में आया और परी को मारने की कोशिश करने लगा। परी ने सांप को देखा और उससे कहा, "मुझे बचाओ, यह जानवर मुझे मारने की कोशिश कर रहा है।"

सांप ने परी की बात सुनी और उस जानवर को मारने के लिए तैयार हो गया। उसने अपने जहरीले दांतों से उस जानवर को काटा और उसे मार डाला। परी ने सांप को धन्यवाद दिया और कहा, "तुमने मेरी जान बचाई है, मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूंगी।"

सांप ने परी की बात सुनी और कहा, "मैंने तुम्हारी जान बचाई है, क्योंकि तुमने मुझे खाने के लिए फल दिया था और मुझे अपने बगीचे में रहने की अनुमति दी थी।" परी और सांप दोनों ही खुश थे और उन्होंने एक दूसरे के साथ दोस्ती की। वे दोनों ही एक साथ रहते थे और एक दूसरे की मदद करते थे।

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