लड़की और सांप की कहानी

लड़की और सांप की कहानी

लड़की और सांप की कहानी
लड़की और सांप की कहानी


एक समय की बात है, एक गाँव में एक छोटी सी लड़की रहती थी। वह बहुत ही दयालु और नर्म दिल वाली थी। एक दिन वह जंगल में लकड़ी बीनने गई। चलते-चलते उसने देखा कि एक सांप झाड़ियों में फंसा हुआ है और तड़प रहा है।

लड़की को सांप पर दया आ गई। उसने एक लकड़ी की मदद से सांप को बाहर निकाला। सांप ने लड़की से कहा, "तुमने मेरी जान बचाई है। मैं तुम्हारा उपकार कभी नहीं भूलूँगा। लेकिन मैं एक सांप हूँ, मेरी प्रवृत्ति डसने की है। मुझे अपने स्वभाव पर भरोसा नहीं है।"

लड़की ने मुस्कुराकर कहा, "मुझे तुम पर भरोसा है। हर जीव के दिल में अच्छाई होती है।"

सांप ने सिर झुका लिया और बोला, "अगर तुम मुझे अपने साथ ले जाओगी, तो मैं तुम्हारा साथी बन जाऊँगा।" लड़की ने सांप को अपनी टोकरी में रख लिया और घर ले आई।

कुछ दिनों तक सांप और लड़की अच्छे दोस्त बन गए। लेकिन एक दिन, सांप ने अचानक लड़की को डस लिया।

लड़की ने आश्चर्य से पूछा, "तुमने ऐसा क्यों किया? मैंने तुम्हारी मदद की थी।"

सांप ने उत्तर दिया, "मैंने पहले ही कहा था कि मैं अपनी प्रकृति नहीं बदल सकता।"

लड़की ने अंतिम सांस लेते हुए कहा, "दयालुता हमेशा दिखानी चाहिए, लेकिन हमें यह भी समझना चाहिए कि हर कोई हमारे भरोसे के योग्य नहीं होता।"

यह कहानी हमें सिखाती है कि दूसरों की मदद करना अच्छा है, लेकिन हमें समझदारी से काम लेना चाहिए और यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हर किसी पर अंधा विश्वास नहीं किया जा सकता।


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